भाजपा का नया खेला ,अब रह जायेगा अकेला /साथिओ आने वाली 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा बनाम RSS ने देश के भीतर फिर नया प्रोपगेंडा तमासा शुरू किया है/ जो वही पुराना मुद्दा मंदिर बनाम मस्जिद जो वर्षो से भाजपा अपना चुनावी मुद्दा को सर्बोपरी रखती है/जो बार बार मंदिर मस्जिद के नाम पर सत्ता में बिराजमान है /जिसका उदहारण ज्ञानवापी मस्जिद या फिर आगरा का ताजमहल या राजस्थान में मंदिर बिवाद दिल्ली में मस्जिद बिवाद ये सब भाजपा की 2024 का चुनावी चाल है /देश के दलित अंधभक्तो को मुर्ख बनाकर या समाज के सभी वर्गो को मुर्ख बनाकर देश को मंदिर मस्जिद के नाम पर लुटा जा रहा है /भाजपा ने राम मंदिर बनवाकर अच्छा किया लेकिन /अब मुद्दा नहीं दिखा तो देश को गृह युद्द में झोकने की गलत सोच से नया तमासा सुरु किया जा रहा है / की इस मस्जिद में भगवन है तो इस मस्जिद में घनस्याम है/ सैकड़ो हजारो वर्ष पहले का इतिहास जमीन खोदके उखारा जा रहा है जो देश को कही ना कही गृहयुद्ध के तरफ झोकने की साजिस है /साजिस हो रहा है सो देश हित में ठीक नहीं /अब फैसला आवाम को करना है की हमें रोजगार चाहिए या जिंदगी भर भगवान का प्रसाद चाहिए /हिंदुस्तान में जितने आवाम नहीं उतने देवी देवताओ के नाम है /उतनी बड़ी देवताओ की लिस्ट है जो आजादी के 76 वर्ष बाद भी हम आजाद नहीं /क्योंकि हम हिंदुस्तानी है/देवताओ के देश के रहने वाले है हम/इति वार्ता जय हिन्द जय भीम