सराब के नाम रोज गिरती लासे /आला अधिकारी करते है बातें/ दोस्तों एक यैसा भी राज्य है बिहार जो इस कलयुग में सतयुग युग बनने की सोच के साथ जनता की लासो से खिलवाड़ कर रहा है /सराब के नाम पर निष् दिन हत्याएं लूट मार मची है और अधिकारी आम जनमानस सांत्वना देकर चले जाते है /लेकिन हत्याओं का सिलसिला जारी है /अब आम जनता जाय तो कहा /जिस दारू बन्दी की बाते सरकार के अधिकारी निष् दिन करते है ओ फेल है /फिरवी सरकार के आदेशानुसार अधिकारी पुलिस प्रशासन लगा हुआ है /लेकिन इस अभियान का सफलता 0 शून्य के बराबर है /जब भारत के किसी भी राज्य में दारू बन्दी सफल ना हो सकी तो सरकार को अपनी मानसिकता बदल लेनी चाहिये /सरकार के तानाशाही रवैया से पुलिस प्रशासन भी सुरक्छित नहीं है/ दारू माफियाओ द्वारा पुलिस प्रशासन को आये दिन रौद कर चले जाना /कैसा न्याय के साथ विकाश है /जब कानून के रखवाले ही सुरक्छित नहीं/ तो आम जनता गरीब मजदुर की रखवाली देखभाली कौन करेगा/हालिया सिवान की घटना या अन्य जिला की घटना ये बता रही है की दारू माफियाओ की कोई कमी नहीं /सरकार जिनता तन्त्र मंत्र लागले पुलिस प्रशासन लागले लेकिन दारू माफियाओ पर कोई असर नहीं/नाही दारू माफियाओ की कमी है /सरकार में बैठे चंद नेताओ द्वारा दारू बंदी जैसे बेतुकी कानून बेशरम कानून से लाखो लोगो को जान लेना /कैसा न्याय के साथ बिकास है /जिस कानून के कारण बिहार का किसी भी सत्तर पे भला नहीं /बिहार जैसे गरीब राज्य नेताओ द्वारा कहा जाता है कैसे भला होगा /आज बिहार सरकारी आकड़ो में देश के सबसे फिस्सडी राज्य है /कारण यहाँ के निति निर्धारण and कानून और बेवस्था 00 इति वार्ता जय हिन्द जय भीम