बे शर्म सरकार बे शर्म जन्ता /रोज लोग पीते है कोई नाही मानता /जी हा आप सही सुन रहे है /बे शर्म सरकार बे शर्म जन्ता /रोज लोग पीते है कोई नाही मानता/नमस्कार मै कलिंद्र माँझी /ये बात है भारत का एक राज्य जिसे बिहार कहते है /जिसका मुखिया है घमंडी नितीश कुमार /गजेड़ी नितीश कुमार /तानाशाह नितीश कुमार /जो दलितों का मुखिया कहलकार न जाने /कितने माताओ का बेटा छिना/ कितने बहनो का सिन्दूर धोया /कितने बच्चो ने पिता की चिटा जलाई /सिर्फ ो सिर्फ सराब के नाम पर/ दारू माफिया की भारी भरखम कमाई कर रहे है /और गरीबो का आसियाना ही उजर रहा है /घर के घर बर्बाद हो रहा है /और ये घमंडी सरकार लासो की ढेर पर सवार सिर्फ कुर्सी की मदहोशी में चूर है /इसका कुसूरवार सिर्फ बिहार का आवाम है /जिसने यैसे लोगो को सत्ता से बेदखल न कर सका /तो खामियाजा तो जन्ता को ही भोगना पड़ेगा /यैसी तानासाही कई बार हरियाणा में देखने को मिला दसको पहले /जो सरकारों को एक तय सिमा के अन्दर झुकना पड़ा/ और दारू बंदी वापस हुई /एक बार नहीं अनेक बार/ लेकिन ये नितीश बाबू हिटलर साही तानासाही सरकार चला रहे है/ ओ कहे तो बिहार का जनता उठक बैठक करे /अन्यथा उनका गरिमा धूमिल हो जायेगा /आज बिहार की जेलों में बंद 80/ प्रतिसत जनता गरीब है /दलित है फिरफि ये दलितों के हुक्मरान बने बैठे है /इति वार्ता नमस्कार