हिन्दू मुस्लिम का फिर से खेला/ कौन पार्टी रहेगी अकेला /साथिओ आज के दौर में फिर देश में धर्म के आड़ में हिन्दू मुस्लिम का खेल सुरु हुआ है पार्टियों द्वारा /जो भारत में सदियों से होता आया है /आजादी के बाद या आजादी पहले /आखिर हमलोग कबतक हिन्दू मुस्लिम करते रहेंगे लड़ते रहेंगे/ क्या इससे बचने का दूर रहने का कोई तो उपाय होगा /जो हम इस पाखंडवाद के दलदल में फॅसे जा रहे है/ ओ हिन्दू हो या मुसलमान सिख हो या ईसाई कोई इस पाखंडवाद में कम नहीं /चुकी भारत में मुख्यतः हिन्दू मुसलमान दो धर्म मुख्य है /जबकि भारत में हर जाती धर्म के लोग को जीने रहने अपना धर्म अपने मर्जी से मानने का पूर्ण अधिकार है /संबैधानिक अधिकार है /भारत धर्म प्रधान देश है सो ठीक है/ लेकिन हम क्या सिर्फ मंदिर और मस्जिद के नाम ही जी सकते है /क्या हमारे जिन्दगी का कोई और पहलू नहीं/ हमारे बिकाश का कोई और मॉडल नहीं
/दुनिया चाँद मंगल पे जा रहा है /वहाँ घर बना रहा है/ दुनिया आंतरिछ में ठहरने का बेवसाय बना रहा है/ और हम यहाँ धरती पे रहके / धरती का बोझ बनके मंदिरो और मस्जिदों का जखीरा खड़े कर रहे है /और आपसी सौहार्द भी बिगाड़ रहे है /और ना जाने क्या क्या कर रहे है /आज भारत में किश राज्य को कुसूरवार माने /एक के बाद एक हर राज्य में मंदिर मस्जिद के नाम पर दंगा भड़काया जा रहा है/ और निर्दोष अंधभक्तो की जान भी जा रही है /हालिया घटना कानपूर की क्या वहाँ सिर्फ मुसलमान दोसी है/ क्या हिन्दुओ ने पत्थर नहीं मारी होगी /दोसी हिन्दू है या मुसलमान जांचोपरांत उजागर हो जायेगा /तबतक हमें कानून पे बिस्वास रखना होगा /इसके आलावा जिस ज्ञानवापी मंदिर मस्जिद का मामला न्यालय के आधीन है यानि मामला देश को सर्बोच्च न्यालय के समच्छ है /फिर वहाँ आविमुकेश्वरानन्द स्वामी का अनसन करना /जाप करना मंदिर में प्रवेश का हठ करना क्या है/ क्या नैतिकता है /क्या इससे देश में कभी जातिवाद वाला मामला थमेगा/ आईसे पाखंडियो से देश भरा पड़ा है/ हमें हमारी नियत और निति बदलनी होगी/ हम भारतीयों को अपनी सोच बदलनी होगी /तब जाकर हम दुनिया के साथ चल पाएँगे इति वार्ता जय हिन्द जय भीम
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